हरियाणा | PUBLISHED BY: GARIMA-TIMES | PUBLISHED ON: 02 JUL, 2022
सांकेतिक चित्र
चंडीगढ़। हरियाणा के पड़ोसी राज्यों के सेवानिवृत्त शिक्षक भी अब हरियाणा के स्कूलों में बच्चों को पढ़ा सकेंगे। हैरान न हों, ये शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर नहीं होंगे। दरअसल, राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने रिटायर हो चुके अध्यापकों को पुन: सेवाओं पर रखने का निर्णय लिया है। इन शिक्षकों को तय मानदेय मिलेगा।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। मिली जानकारी के मुताबिक हरियाणा के सरकारी स्कूलों में लगभग 40 हजार पद खाली हैं। इनको भरने के लिए हरियाणा सरकार नई और पक्की भर्ती करने की जगह रिटायर हुए अध्यापकों को अनुबंध पर रखने की योजना बनाई है। मतलब खाली पदों पर रिटायर्ड अध्यापकों को कॉन्ट्रेक्ट बेस पर रखा जाएगा।
इस योजना में हरियाणा सरकार ने नई चीज ये जोड़ी है कि सिर्फ हरियाणा के ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के रिटायर टीचर भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। शुक्रवार 1 जुलाई 2022 से सरकार ने ERTS नाम का पोर्टल ऑनलाइन आवेदन के लिए खोल दिया है। इस पोर्टल के जरिए दूसरे राज्यों के रिटायर टीचर भी हरियाणा में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर पढ़ाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। ERTS पोर्टल पर रिटायर अध्यापक को अपना बोयोडेटा डालना होगा।
जिसके बाद मेरिट और एक्सपीरिएंस के आधार पर रिटायर्ड अध्यापकों की नियुक्ति होगी। हालांकि गेस्ट टीचर्स का कहना है कि ये सरकार की गलत नीति है। हरियाणा में बहुत से ऐसे युवा हैं जिन्होंने एचटेट और सीटेट पास किया हुआ है। आज उनको मेरिट के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए, क्योंकि हरियाणा में बेरोजगारी काफी फैली हुई है। ऐसे में अगर बाहर के लोग अगर नौकरी करेंगे, तो प्रदेश में बेरोजगारी और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार की इस योजना का विरोध होना भी शुरू हो गया है।
वहीं एचटेट पास युवाओं में इस खबर से गुस्सा नजर आया। उनका कहना है कि हरियाणा में लाखों युवा हैं जिनकी एज एवरेज हो चुकी है और जिन्होंने ये टेस्ट पास किया हुआ है जो बेरोजगार घूमने को मजबूर हैं। लिहाजा नई और पक्की भर्ती करने की जगह इस तरह की नीति गलत है। अगर सरकार को नौकरी देनी ही है तो कम से कम हरियाणा के युवाओं को नौकरी दें, ताकि शिक्षा का स्तर भी अच्छा हो और हरियाणा के योग्य युवाओं को भी रोजगार मिल सके।
इस मुद्दे पर सरकारी स्कूल टीचर्स का अपना मत है, उनका कहना है कि हरियाणा में दूसरे राज्य से जो रिटायर टीचर भर्ती किए जाएंगे। उससे स्कूल के रिजल्ट पर भी प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट बेस पर 1 साल के लिए टीचर आता है। उसे बच्चों के भविष्य की इतनी फिक्र नहीं होती, जितनी परमानेंट टीचर को होती है। ऐसे में परमानेंट टीचर ही एक मात्र समाधान है। उन्होंने कहा कि इस योजना पर सरकार को विचार करना चाहिए। अगर खाली पदों पर टीचरों की भर्ती करनी है, तो कम से कम हरियाणा के युवाओं को मौका देना चाहिए। मेरिट के आधार पर उनको भर्ती करें। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस नीति को वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
बता दें इससे पूर्व भी सरकार इस तरह की योजना बना चुकी है। पूर्व की हुड्डा सरकार के समय भी इसी तरह की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह केवल हरियाणा के शिक्षकों के लिए थी। मौजूदा भाजपा सरकार ने भी इस योजना को लागू रखा। यह तय किया गया था कि शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने की स्थिति में उन्हें शैक्षणिक सत्र पूरा होने तक सेवाओं में रखा जाएगा।
हरियाणा में अध्यापकों के एक लाख से भी अधिक मंजूरशुदा पद हैं। इनमें से करीब 40 हजार पद खाली हैं। हालांकि जेबीटी शिक्षकों के सरप्लस होने का दावा सरकार पहले ही कर चुकी है। शिक्षा विभाग के निर्णय के अनुसार, न केवल सरकारी और शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त स्कूलों के सेवानिवृत्त टीचर इस पोर्टल पर अप्लाई कर सकेंगे, बल्कि जो गेस्ट टीचर सेवानिवृत्त हो चुके हैं वे भी आवेदन कर सकेंगे।